YK MISHRA (ब्यूरो)
रिपोर्ट – गया
प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला गुरुवार से शुरू हो गया। हजारों की संख्या में लोग यहां पितरों के पिंडदान के लिए पहुंचने लगे हैं। पितृपक्ष मेला का शुभारंभ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ‘शिक्षा सह प्रभारी मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा, पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल एवं कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने किया गया। गयाजी की चर्चा विष्णु पुराण और वायु पुराण में की गई है। विष्णु पुराण के मुताबिक गया में पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है और वे स्वर्गवास करते हैं। माना जाता है कि स्वयं विष्णु यहां पितृ देवता के रूप में मौजूद हैं, इसलिए इसे ‘पितृ तीर्थ’ भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, मृत्यु के बाद पुत्र और परिजनों के द्वारा पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को मोक्ष प्राप्ति होती है सनातन धर्मावलंबी श्राद्ध के दौरान अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए 15 दिनों तक श्राद्ध कर्म करते है। वैसे देश में कई स्थानों पर पिंडदान किया जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा धार्मिक महत्व बिहार के गयाजी में पिंडदान का है। यहां पर भगवान राम और माता सीता ने राजा दशरथ का पिंडदान किया था। पितृ पक्ष के दौरान यहां लाखों की संख्या में लोग अपने पितरों का पिण्डदान करते है। ऐसी मान्यता है कि यदि गया जी में पिण्डदान किया जाय तो पितरों को स्वर्ग मिलता, मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं आत्मा को शांति मिलती है