पर्वत पुरुष दशरथ मांझी की पुण्यतिथि पर कृषि मंत्री, सांसद, जिलाधिकारी सहित कई गणमान्य लोगों ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

ICN NEWS BIHAR/GAYA(बिष्णु सिन्हा):

गया:आज पर्वत पुरुष दशरथ मांझी की पुण्यतिथि के अवसर पर मोहड़ा प्रखंड अंतर्गत उनके पैतृक गांव गैहलोर घाटी में उनकी प्रतिमा पर माननीय मंत्री, कृषि विभाग डॉक्टर प्रेम कुमार, माननीय सांसद गया श्री विजय कुमार, जिला पदाधिकारी गया श्री अभिषेक सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
इस अवसर पर माननीय मंत्री, माननीय सांसद, जिला पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य लोगों द्वारा स्वर्गीय दशरथ मांझी के व्यक्तित्व एवं कीर्ति को याद किया गया।
जिला पदाधिकारी ने इस अवसर पर कहा कि प्रखंड स्तर पर एक कमिटी गठन किया गया है, जो स्वर्गीय दशरथ मांझी के समाधि स्थल एवं उनके आसपास के परिसर के सौंदर्यीकरण, मूलभूत सुविधा, परिसर के विकास, आधारभूत संरचना एवं जीर्णोद्धार इत्यादि का प्रस्ताव तैयार करेगी। दशरथ मांझी समाधि स्थल पर माल्यार्पण करते हुए उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित की गई। माल्यार्पण के पश्चात माननीय मंत्री, माननीय सांसद, जिला पदाधिकारी, पूर्व विधायक तथा स्वर्गीय दशरथ मांझी के पुत्र श्री भागीरथ मांझी द्वारा स्वर्गीय दशरथ मांझी समाधि स्थल का विकास, इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने सहित अन्य विकासात्मक कार्य कराने हेतु विचार विमर्श किया गया।
जिला पदाधिकारी ने माननीय मंत्री को बताया कि भूमि उपलब्ध हो जाने के पश्चात प्रतीक्षा भवन निर्माण कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पर्वत पुरुष स्वर्गीय दशरथ मांझी द्वारा पहाड़ को काटकर जो रास्ता बनाया गया है उस रास्ते को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि लोग स्वर्गीय दशरथ मांझी की कीर्ति से प्रेरणा ले सकें।
उन्होंने बताया कि वाहन के आवागमन हेतु एक अन्य सड़क का निर्माण कराया जाएगा, जिसका डीपीआर ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा तैयार किया गया है।
माननीय मंत्री, जिला पदाधिकारी, उनके पुत्र भागीरथ मांझी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा दशरथ मांझी स्मृति भवन के परिसर में वृक्षारोपण किया गया साथ ही निर्माणाधीन स्मृति भवन का निरीक्षण भी किया गया। जिला पदाधिकारी ने बताया कि स्मृति भवन में स्वर्गीय दशरथ मांझी द्वारा उपयोग में लाई गई हथौड़ी छेनी इत्यादि को संरक्षित रूप से शीशा नुमा आकार में स्मृति भवन के मुख्य हॉल में लोगों के दर्शनार्थ रखी जाएंगी।

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