खाद्य एवं पोषण सुरक्षा आधारित भविष्य की खेती पर आयोजित वेबिनार को माननीय कृषि मंत्री, डाॅ॰ प्रेम कुमार ने किया संबोधित

ICN NEWS BIHAR/GAYA(बिष्णु सिन्हा):

डाॅ॰ प्रेम कुमार, माननीय मंत्री, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार ने गया परिसदन से रुरल डेवलमेन्ट काॅउंसिल तथा बामेती द्वारा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा आधारित भविष्य की खेती पर आयोजित वेबिनार में भाग लिया। बैठक में राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विष्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के कुलपति डा॰ आर॰सी॰ श्रीवास्तव, बिहार कृषि विष्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के कुलपति डा॰ अजय कुमार सिंह, बामेती के निदेषक, डा॰ जितेन्द्र प्रसाद, पारादीप फाॅस्फेट लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रमुख श्री राघवेन्द्र नारायण, सनमुखा एग्रीटेक के जोनल हेड श्री भावनन्दा साहू, कोरटैक एग्री एण्ड सोल्यूषन के एम॰डी॰ श्री इन्द्रजीत सिंह, हार्वेस्ट प्लस के कन्ट्री हेड श्री बिनू चेरियन, सीड वक्र्स इन्टरनेषनल के निदेषक श्री बलजिन्दर सिंह, सीड टेक्नोलाॅजी के ए॰जी॰एम॰ श्री पंकज झा, पी॰डब्लू॰सी॰ के श्री गुनानन्द शुक्ला, रुरल डेवलमेन्ट काॅउंसिल के एरिया मैनेजर श्री अविनाष कुमार, संदीप एवं प्रगतिषील किसानों ने भाग लेकर अपनी बातों को रखा एवं माननीय मंत्री की बातों को सुना।
वेबिनार को संबोधित करते हुये माननीय मंत्री महोदय ने कहा कि आई॰सी॰एम॰आर॰ द्वारा भारत में भारी कार्य करने वाले व्यक्ति के लिये 2400 कैलोरी एवं कम शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्ति के लिये 2100 कैलोरी पोषण देने वाले दैनिक भोजन का मानक तय किया गया है। हरित क्रान्ति के फलस्वरुप एवं वैज्ञानिकों के शोध तथा कृषि प्रसार के द्वारा उन्नत तकनीकों को किसानों तक पहुॅचाने के कारण वर्तमान में देष में खाद्यान्न के मामले में सुरक्षित स्थिति में है। परन्तु खाद्यान्न की गुणवत्ता में सुधार करके बहुत सी पोषण संबंधी समस्याओ से निजात मिल सकती है। संतुलित पोषण युक्त आहार हर नागरिक तक कम से कम खर्च में पहॅुच सके इसपर वैज्ञानिक लगातार अनुसंधान कर रहे हैं। बिहार में 22 लाख हेक्टेयर में गेहूँ की खेती की जाती है जिससे लगभग 61 लाख टन गेहँू का उत्पादन होता है। गेहूॅ की गुणवत्ता सुधार के लिये रा॰कृ॰वि॰, पूसा समस्तीपुर एवं बि॰कृ॰वि॰, सबौर, भागलपुर हार्वेस्ट प्लस के साथ मिलकर फोर्टिफाईड गेहॅू के प्रभेद को विकसित कर रहे हैं और जल्दी ही व्यापक पैमाने पर किसानों के साथ मिलकर बडे़ पैमाने पर इन प्रभेदों के गेहॅँू का उत्पादन प्रारम्भ किया जायेगा। इसके साथ ही फोर्टिफाईड गेहँू को जैविक तरीके से उत्पादित करने से बहुत से रोग व्याधि से मुक्ति मिलेगी। माननीय मंत्री ने पटना जिला के कुकरीबिगहा ग्राम को न्यूट्रिषनल विपेज के रुप में विकसित कर वहाॅ बायो फोर्टिफाईड फसलों की जैविक माध्यम से हो रही खेती की सफलता के लिये शुभकामनायें दी।

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