गया: लगातार दूसरे वर्ष वेबिनार के माध्यम से आयोजित हुई खरीफ कर्मषाला

गया जिला मुख्य रुप से कृषि प्रधान जिला है और धान यहाॅ की मुख्य फसल है, धान की फसल खरीफ मौसम में लगायी जाती है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच पहले ताउ ते एवं उसके बाद याष तूफान के कारण मई महीने में हुई अच्छी वर्षा से खरीफ में धान की फसल समय से लगाये जाने के लिये विभाग और किसान उत्साहित है। गये जिले को लक्ष्य के अनुरुप धान के बीज की प्राप्ति हो गई है और बीज को सभी प्रखण्डों में उपलब्ध करा दिया गया है। इस वर्ष धान के ‘‘सबौर श्री’’ प्रभेद को लगाने के लिये बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके बीज को 15 जून से पहले नर्सरी में लगा दिया जाना है, इसके अतिरिक्त ऊॅची एवं कम पानी की उपलब्धता वाले भूमि में सहभागी और राजेन्द्र श्वेता का बीज 15 जून के बाद भी लगाया जा सकता है। यह बातें जिला कृषि पदाधिकारी, गया श्री सुदामा महतो ने खरीफ महाअभियान 2021 के आॅन लाईन आयोजन के अवसर पर कहीं।
कृषि विभाग के जिला, अनुमण्डल, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तर पर पदास्थापित सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिये खरीफ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये विभाग द्वारा तैयार की गई कार्य योजना की जानकारी दिये जाने के उद्देष्य से प्रत्येक वर्ष खरीफ कर्मषाला एवं प्रषिक्षण का आयोजन जिला स्तर पर किया जाता है। गया जिले में कृषि विभाग में 24 प्रखण्डों एवं 332 पंचायतों मंे 500 से अधिक कर्मी पदस्थापित हैं। जो कृषि, उद्यान, आत्मा, मिट्टी जाॅच, भूमि संरक्षण, पौधा संरक्षण आदि के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करते हैं।
आज के वेबिनार में परियोजना निदेषक, आत्मा श्री रविन्द्र कुमार ने आत्मा अन्तर्गत किसानों के समूह गठन एवं उनके प्रषिक्षण, परिभ्रमण एवं किसान पाठषाला और किसान चैपाल की जानकारी दिया। सहायक निदेषक, रसायन, मिट्टी जाॅच श्री ललन कुमार सुमन ने भूमि पोषण अभियान की जानकारी दिया और कहा कि जिले में 16000 से अधिक मिट््टी नमूना एकत्र करने और विष्लेषित करने का लक्ष्य है।
सहायक निदेषक, उद्यान श्री शषांक कुमार ने 90 प्रतिषत अनुदान पर लगाये जा रहे ड्रिप सिंचाई पद्धति और शुष्क बागवानी अन्तर्गत लगाये जाने वाले फलदार वृक्ष की योजना की जानकारी दिया। उप निदेषक, कृषि अभियंत्रण ई॰ बालेष्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि भूमि संरक्षण विभाग द्वारा गया जिला में किये गये कार्यो के कारण भूजल का स्तर 40 फिट से बढ़कर 16 फिट पर आ गया है। उन्होने बताया कि सरकार ने उद्यान विभाग से लगाये जाने वाले ड्रिप सिंचाई प्रणाली में जल श्रोत्र की उपलब्धता के लिये भूमि संरक्षण विभाग से बोरिंग एवं पम्पसेट लगाने पर 50 प्रतिषत अनुदान की व्यवस्था की है। पौधा संरक्षण के पदाधिकारी श्री देवेन्द्र पाठक ने खरीफ मे लगाये जाने वाली फसलों धान, अरहर एवं मक्का के बीज उपचार की विधि तथा उनमे लगने वाले रोग एवं कीट के नियंत्रण के उपाय बताये।
कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर के वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डा॰ राजीव सिंह ने मौसम अनुकूल खेती, धान की सीधी बुआई आदि के विषय में विस्तार से जानकारी दिया।

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